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संजा के गीत

संजा के गीत 
(1)
चुटक चांदनी सी रात , आयो खेलवा रो दिन 
सासु खेलवा नी दे , सासु बर्तन मंजावे 
फेंक जाऊं बर्तन , जऊं मोरे पियर 

चुटक चांदनी सी रात , आयो खेलवा रो दिन 
सासु खेलवा नी दे , सासु झाड़ू लगवावे 
फेंक जाऊं झाड़ू , जाऊं मोरे पियर 

चुटक चांदनी सी रात , आयो खेलवा रो दिन 
सासु खेलवा नी दे , सासु खाना बनवावे 
फेंक जाऊं बेलन , जाऊं मोरे पियर 
चुटक चांदनी सी रात , आयो खेलवा रो दिन 
                              कु. पूजा , रचना 
                           कक्षा 8 वीं 
(2)
एक लाल फूल में वास नहीं 
हरियाली संजा तेरी आस नहीं 
मैं लिख लिख भेजूं चिट्ठी में 
तुम आओगे कौनसी छुट्टी में 
संजा काहे को लिख रही चिट्ठी में 
हम आयेंगे गर्मी की छुट्टी में 

एक लाल फूल में वास नहीं 
हरियाली संजा तेरी आस नहीं
संजा काय को लिख रही बाल्टी में 
हम आएंगे जनता पाल्टी में 

एक लाल फूल में वास नहीं 
हरियाली संजा तेरी आस नहीं
संजा काय को लिख रही परात में 
हम आयेंगे राजा की बारात में 

एक लाल फूल में वास नहीं 
हरियाली संजा तेरी आस नहीं
मैं लिख लिख भेंजू साड़ी में 
तुम आओगे कौन सी गाड़ी में 
संजा काय को लिख रही साड़ी में 
हम आएंगे 12 (बारा) की गाड़ी में 

एक लाल फूल में वास नहीं 
हरियाली संजा तेरी आस नहीं
मैं लिख लिख भेंजू शक्कर में 
तुम आओगे कौन से चक्कर में 
संजा काय को लिख रही शक्कर में 
                 हम आएंगे शादी के चक्कर में।                                              भुल्ली - राधा सूर्यवंशी 
                           कक्षा 8 वीं 
(3)
पतरा नीचे डोरो लटके 
मैं जानी के पइय्यो लटके 
नीचा नमी ने लेवा लागी 
तालुड़ी ललकारा लागी 
भरी नदी में भोमरो बोल्यो 
भु - भट , शु - शट
अईग्या पामणा , लइग्या लट्ठ। 
                          नैना पिंकी  सूर्यवंशी 
                           कक्षा 8 वीं 
(4)
संजा तेरे घूमर वाले बाल 
सोने का कंघा लाना 
भोपाल शहर में जाना 
गोबर का पता लगाना 
यहाँ की खुशबु मशहूर है 
जरूर लेके आना 

संजा तेरे घूमर वाले बाल 
सोने का कंघा लाना 
इंदौर  शहर में जाना 
अगरबत्ती  का पता लगाना 
यहाँ की खुशबु मशहूर है 
जरूर लेके आना 

संजा तेरे घूमर वाले बाल 
सोने का कंघा लाना 
मंदसौर   शहर में जाना 
फूलों  का पता लगाना 
यहाँ की खुशबु मशहूर है 
जरूर लेके आना 

संजा तेरे घूमर वाले बाल 
सोने का कंघा लाना। 
                                नैना पिंकी  सूर्यवंशी 
                           कक्षा 8 वीं 
(5)
चुप चुप के खड़ी है संजा कालेज के गेट पे 
हाथ में किताब लेके शादी के अफ़सोस में 
थोड़ा - थोड़ा गुस्सा मुझे पापाजी पे आता है 
थोड़ा - थोड़ा गुस्सा मुझे मम्मीजी पे आता है 
ऐसा काला लड़का संजा के लिए ढूंढा है 
फोटो खिंचवाले संजा चाँद जैसी लगती है 
कहना मेरा मान ले लड़का BA पास है। 
                                  नैना पिंकी  सूर्यवंशी 
                           कक्षा 8 वीं 
(6)
सीताफल मस्त दीवाना ना संजा का दिल दुखाना 
मंडप में खड़ी वहां टिकला भी पड़ा है 
दोनों हाथों से पहनाना संजा का दिल न दुखाना 

सीताफल मस्त दीवाना ना संजा का दिल दुखाना 
मंडप में खड़ी वहां कंगन  भी पड़े हैं  
दोनों हाथों से पहनाना संजा का दिल न दुखाना 

सीताफल मस्त दीवाना ना संजा का दिल दुखाना 
मंडप में खड़ी वहां हार भी पड़ा है 
दोनों हाथों से पहनाना संजा का दिल न दुखाना 
                                 नैना पिंकी  सूर्यवंशी 
                           कक्षा 8 वीं 

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