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शिक्षक दिवस

शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय , कयामपुर  में शिक्षक दिवस पर विभिन्न गतिविधियाँ  आयोजित की गई। 


                                


                           




शिक्षक दिवस 
(1)
हम स्कूल रोज जाते , शिक्षक हमको पाठ पढ़ाते। 
दिल बच्चों का कोरा कागज , उस पर ज्ञान अमिट लिखवाते 
जाती धर्म पर लड़े  न कोई , करता सबसे प्रेम सिखाते। 
हमें सफलता कैसे पानी , कैसे पढ़ना शिक्षक बताते। 
सच तो है स्कूल में अच्छा एक इंसान बनाते। 

मित्रों , शिक्षक दिवस प्रति वर्ष ५ सितम्बर को मनाया जाता है।  गुरुओं के सम्मान में मनाये जाने वाले इस दिवस पर हम सभी को अपने गुरुओं के प्रति आभार प्रकट करना चाहिये। आज हम जो भी है उन्हीं के मार्गदर्शन से हमारा निर्माण हुआ है। ऐसे आदरणीय सज्जनों को हिन्द सोच की और से प्रणाम।

                                        सलोनी - गोपाल माली
                                            कक्षा ७ वीं
(2)
आदर्शों की मिसाल बनकर 
बाल जीवन संवारता शिक्षक 
सदा बहार फूल सा खिलकर 
महकता और महकाता शिक्षक 
नित नए प्रेरक आयाम लेकर
हर पल भव्य बनाता शिक्षक 
संचित ज्ञान का धन हमें देकर 
खुशियाँ खूब मनाता शिक्षक। 
                          अनिता - हीरालाल जी कुशवाह 
                                       कक्षा ८ वीं 
(3)
गुरु बिन ज्ञान नहीं  
गुरु बिन ज्ञान नहीं रे 
अंधकार बस तब तक ही है 
जब तक है दिन मान नहीं रे 
मिले न गुरु का अगर सहारा 
मिठे नहीं मन का अँधियारा 
लक्ष्य नहीं दिखलाई पड़ता 
पग आगे रखते मन डरता 
हो पता है पूरा कोई भी 
अभियान नहीं रे 
गुरु बिन ज्ञान नहीं रे 
जब तक रहती हमसे गुरु की दूरी 
होती मन की प्यास न पूरी 
गुरु मन की पीड़ा हर लेते 
दिव्य सरस जीवन कर देते
गुरु बिन जीवन होता ऐसा
जैसे प्राण नहीं रे
भटकाओं की राहे छोड़े
गुरु चरणों की रहें जोड़ें
गुरु के निर्देशों को माने
इनकी सच्ची संपत्ति जाने
धन , बल, बुद्धि , साधन ज्ञान का
कर अभिमान नहीं रे
गुरु बिन ज्ञान नहीं रे
गुरु से जब अनुदान मिलेंगें
अति पावन परिणाम मिलेंगें
टूटेंगें भव बंधन सारे
खुल जायेंगे प्रभु के द्वारे
क्या से क्या तुम बन जाओगे
तुमको ध्यान नहीं रे।
                                       शानु - रामनारायण धनगर
                                  कक्षा ७ वीं 
(4)
Poem
I love my teacher
He is full of life
I love my teacher
He doesn't cause any strike
I love my teacher
For he is full of light
I love my teacher
He is always bright
I love my teacher
For he doesn't get in a fight
and I love my teacher
(5)
5 सितम्बर शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं।  5 सितम्बर के दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म हुआ था। इसे हम शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं।  राधाकृष्णनन जी एक शिक्षक भी थे। 
 मैं मेरे गुरूजी के एक कविता सुनाना चाहता हूँ ---
कभी डाँटकर इसने प्यार जताया 
कभी रोक - टोक कर चलना सिखाया ,

कभी काली स्लेट पर चॉक से 

उज्जवल भविष्य का सूरज उगाया। 

 ढाल बनकर के हर मुश्किल से बचाया 

कभी हक़ के लिये लड़ना सिखाया 

कभी गलती बताकर , कभी गलती छुपाकर 

एक सच्चे गुरु का फर्ज निभाया। 

कभी माता -पिता बन दी सलाह 

कभी दोस्त बन हौसला बढ़ाया 

आज कहते हैं उन टीचर्स को बड़ा सा थैंक यू 

जिन्होंने हमें इस काबिल बनाया। 

'' गुरु और समुद्र दोनों ही गहरे हैं ------

पर दोनों में एक ही फर्क है 
समुद्र की गहराई में इंसान डूब जाता है 
और गुरु की गहराई में इंसान तर जाता है। 
                               मुस्तफा - युसूफ मोहम्मद 
                         कक्षा 5 वीं 
(6)
कविता 
मातायें देती नव जीवन , पिता सुरक्षा करते हैं 
लेकिन सच्ची मानवता शिक्षक जीवन में भरते हैं 
सत्य न्याय के पथ पर चलना शिक्षक हमें बताते हैं 
जीवन संघर्षों से लड़ना शिक्षक हमें सिखाते हैं 
ज्ञान दीप की ज्योति जलाकर मन आलौकित करते हैं 
विद्या का धन देकर शिक्षक जीवन सुख से भरते हैं 
शिक्षक ईश्वर से बढ़कर है यह कबीर बतलाते हैं 
क्योंकि शिक्षक ही भक्तों को ईश्वर तक पहुँचाते हैं 
जीवन में कुछ पाना हो तो शिक्षक का सम्मान करो 
शीश झुकाकर श्रद्धा से तुम बच्चों उन्हें प्रणाम करो 
                                 नाजिया - जाकिर पठान 
                           कक्षा 8 वीं 

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